संस्कृत हमारे पुराणों की भाषा है। हर भाषा में यह इसकी नींव के रूप में है। विद्यार्थियों को अनेक परीक्षाओं में संख्याएँ संस्कृत में लिखनी चाहिए। इसका ज्ञान आलोचनात्मक है। संस्कृत भाषा को विश्व की सबसे प्राचीन भाषा माना जाता है। इसे आस्तिक भारतीयों द्वारा 'देवभाषा' के रूप में भी जाना जाता है, जो मानते हैं कि यह एक ऐसी भाषा या बोली है जो सीधे भगवान के मुख से निकलती है। 'संस्कृत' शब्द 'सम्+सुत+कृ+कत्' से मिलकर बना है। इसका अनुवाद 'प्राकृतिक भाषा की खेती' के रूप में किया जाता है।