Kalkatta Ke Ek Tram Mein Madhubani Painting | Gyanendrapati
10 November 2025

Kalkatta Ke Ek Tram Mein Madhubani Painting | Gyanendrapati

Pratidin Ek Kavita

About

कलकत्ता के एक ट्राम में मधुबनी पेंटिंग।ज्ञानेन्द्रपति


अपनी कटोरियों के रंग उँड़ेलते

शहर आए हैं ये गाँव के फूल

धीर पदों से शहर आई है

सुदूर मिथिला की सिया सुकुमारी


हाथ वाटिका में सखियों संग गूँथा

वरमाल


जानकी !

पहचान गया तुम्हें में

यहाँ इस दस बजे की भभक:भीड़ में

अपनी बाँहें अपनी जेबें सँभालता

पहचान गया तुम्हें मैं कि जैसे मेरे गाँव की बिटिया

आँगन  से निकल

पार कर नदी-नगर

आई इस महानगर में

रोज़ी -रोटी के महासमर में