Bahut Door Ka Ek Gaon | Dheeraj
06 November 2025

Bahut Door Ka Ek Gaon | Dheeraj

Pratidin Ek Kavita

About

बहुत दूर का एक गाँव | धीरज 


कोई भी बहुत दूर का एक गाँव 

एक भूरा पहाड़

बच्चा भूरा और बूढ़ा पहाड़

साँझ को लौटती भेड़

और दूर से लौटती शाम

रात से पहले का नीला पहाड़

था वही भूरा पहाड़।

भूरा बच्चा,

भूरा नहीं,

नीला पहाड़, गोद में लिए, आँखों से।

उतर आता है शहर

एक बाज़ार में थैला बिछाए,

बीच में रख देता है, नीला पहाड़।

और बेचने के बाद का,

बचा नीला पहाड़

अगली सुबह

जाकर मिला देता है,

उसी भूरे पहाड़ में।